मै नहीं डरता मौत से प्रलय से तूफ़ान से
मगर काँपती है रूह मेरी प्रशंसा के नाम से
प्रशंसा ज़हर है बचिए इसके विषपान से
नहीं समझे तो दो हाथ धो बैठोगे जान से
निंदा का कालकूट ज़हर भरा होता मान से
इसको पीने वाला जीता बड़े स्वाभिमान से
चापलूस काम निकलवाता है बड़े आराम से
उसका तरकस भरा होता है प्रशंसा के बाण से