ये हाथ मुझको दे दे ठाकुर

खोपटी लाल फ़िल्मों के बड़े शौक़ीन हैं । पुरानी फ़िल्मों की कहानी बड़े चाव से सुनाते हैं । फ़िल्मी डायलॉग के विश्लेषण का खोपटी लाल का अपना अलग अंदाज़ है । फ़िल्म शोले के डायलॉग – ये हाथ मुझको दे दे ठाकुर के बारे में बताते हुए खोपटी लाल सावधान करते हैं कि यदि कोई आपका साथ माँगे तो उसका साथ ज़रूर देना चाहिए लेकिन हाथ उतना ही देना चाहिए जितना ज़रूरत पड़ने पर वापस खींचा जा सके । किसी भी इष्ट मित्र को पूरा हाथ कभी नहीं देना चाहिए अन्यथा शोले के ठाकुर जैसा हाल होने में देर नहीं लगेगी ।

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