लक्ष्मी जी के दो वाहन हैं उल्लू और गरूड़ । जब चोरी, चकारी, फ़रेबी , बेईमानी से धन कमाया जाता है तो लक्ष्मी उल्लू में बैठकर आती है । एसा धन ना सुकून दे सकता है और ना ही बरक्कत । एसा धन इंसान को उल्लू बना देता है जिसे दिन में नहीं दिखता और रात को दिखाई देता है । एसे इंसान को अच्छी चीज़ बुरी और बुरी चीज़ अच्छी लगती है । एसे धन से सारे उल्टे काम होते हैं । एसा धन देर सवेर इंसान को तबाह कर देता है । जब धन ईमानदारी और मेहनत से कमाया जाता है तो लक्ष्मी जगत के पालनहार भगवान विष्णु के साथ गरूड़ में सवार होकर आती है । एसा धन चाहे कम हो लेकिन उसमें बहुत बरक्कत होती है और एसा धन बुद्धि को सन्मार्ग पर ले जाता है । लक्ष्मी जी जब भी आए गरूड़ पर ही आए तभी कल्याण होगा ।