ट्रेनिंग की महत्ता

हमारे परम मित्र कैलाश दा जिन्हें हम प्यार से कैला बाबू कहते हैं एक कोरपोरेट ट्रेनर हैं । आज लम्बे अंतराल के बाद उनसे मुलाक़ात हुई । कैला बाबू ने ट्रेनिंग की महत्ता समझाई । बक़ौल कैला बाबू आज के प्रतिस्पर्धी माहौल में वही कम्पनी कामयाब रहेगी जो अपने कर्मचारियों की ट्रेनिंग की पर्याप्त व्यवस्था करेगी । जो लीडिंग ऑर्गनायज़ेशन हैं उन्होंने कर्मचारियों की ट्रेनिंग अनिवार्य कर रखी है कई एसे संस्थान हैं जहाँ कर्मचारी को साल में कम से कम दो सौ घंटे ट्रेनिंग लेना अनिवार्य हैं । प्रशिक्षित कर्मचारी किसी भी ऑर्गनायज़ेशन को लीडिंग बनाए रखने के लिए सबसे बड़ी सम्पत्ति हैं ।

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