वैसे तो नींद में बड़े सपने आते हैं लेकिन असल में नीद कई सपने तोड़ती है । मान लिया कोई प्रतिभाशाली बच्चा प्रातः काल चार बजे का अलार्म लगाकर सोता है लेकिन सुबह आलस में अलार्म बंद करके फिर सो जाता है मीठे सपनों में खो जाता है तो वह अलार्म बंद नहीं करता बल्कि अपनी तक़दीर बंद कर देता है । बच्चे को लगता है एक दिन पढ़ाई नहीं करने से कोई फ़र्क़ नहीं पड़ेगा लेकिन धीरे धीरे ये लापरवाही बहुत महँगी साबित होती है । सुखार्थिनः कुतो विद्या विद्यार्थिनः कुतो सुख़म । सुख चाहने वाले को विद्या नहीं मिलती और विद्या चाहने वाले को सुख नहीं । जो बच्चा सुबह उठने में आलस ना करे चाहे औसत दर्जे का हो उसे कामयाब होने से कोई नहीं रोक सकता ।