लापरवाही का काम्पाउंडिंग इम्पैक्ट

हाल ही में एक दिन लखनऊ के एक पुराने साथी भौमिक भाई से मुलाक़ात हो गई थी । मै खुद को बड़ा जहनसीब मानता हूँ कि मेरा राब्ता भौमिक भाई जैसे लोगों से रहा है जिन्हें परवरदीगार ने मुस्तकिल सोच इनायत बख्शी है । भौमिक भाई जीवन के उतार चढ़ाव पर निहायत जुदा मशविरा देते हैं ।
हम कॉफ़ी हाउस में बैठे गुफ़्तग़ू में मशगूल थे तभी चक्रवृद्धि व्याज का ज़िक्र आया । मैंने कहा विद्वानों ने काम्पाउंडिंग इम्पैक्ट को दुनिया का आठवाँ अजूबा कहा है । फ़क़ीरी मिज़ाज वाले भौमिक भाई बोले – सभी लोग काम्पाउंडिंग इम्पैक्ट के करिश्माई नुस्ख़े की बात करते हैं जबकि ये फ़क़त फ़ायदा नहीं करता उतना ही नुक़सान भी करता है । अपनी बात की नज़ीर पेश करते हुए भौमिक भाई मुख़ातिब हुए – हमारा बड़ा हुआ पेट एक दिन में नहीं बड़ता ये छोटी छोटी लापरवाही का काम्पाउंडिंग इम्पैक्ट है । हमारा लीवर एक दिन में खराब नहीं होता । शरीर की ज़्यादातर व्याधियाँ हमारी लापरवाही का काम्पाउंडिंग इम्पैक्ट है । जो बच्चे नियमित पढ़ाई करते हैं काम्पाउंडिंग इम्पैक्ट के कारण हमेशा अव्वल रहते हैं जो बच्चे महज परीक्षा के दौरान पढ़ाई करते हैं हमेशा पीछे रहते हैं क्योंकि वे नियमित पढ़ाई से होने वाले काम्पाउंडिंग इम्पैक्ट से मरहूम रह जाते हैं । अगर हम छोटी छोटी लापरवाही के काम्पाउंडिंग इम्पैक्ट को विज्वलाइज कर पाएँगे तो बड़े नुक़सान से बच पाएँगे ।

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