छोड़ भलाई सारे काम करता हूँ
हर चुनौती अपने नाम करता हूँ
नतीजे तक ना आराम करता हूँ
काम भी सुबह से शाम करता हूँ
ना किसी को भी बदनाम करता हूँ
मतलबी को दूर से सलाम करता हूँ
हरिराम नाई को गुमराह करता हूँ
इसका एलान सर ए राह करता हूँ
दुश्मन से प्रेम का इज़हार करता हूँ
प्रेम ही जीवन है स्वीकार करता हूँ
भलाई करने से ही मै परहेज़ करता हूँ
और किसी काम से ना गुरेज़ करता हूँ
छोड़ भलाई सारे काम करता हूँ