बैकग्राउंड मतलब माँ बाप

मेरा एक बहुत ही घनिष्ठ मित्र एक मंत्री जी का भतीजा है और अक्सर अपने चाचा का रौब ग़ालिब करता है और गर्व से कहता है मेरा बैकग्राउंड बहुत सॉलिड है मेरे चाचा बहुत बड़े नेता हैं । उसकी बात सुनकर अपनी हँसी रोकना बहुत मुश्किल हो जाता है क्योंकि उसे इतनी सी बात नहीं मालूम कि बैकग्राउंड मतलब माँ बाप ।
भाई, बहन, चाचा, ताऊ, यार, दोस्त कोई आपका बैकग्राउंड नहीं हैं । ये आपके शुभ चिंतक हैं और एक सीमा तक मददगार भी । ये आपकी सामाजिक प्रतिष्ठा के लिए आपके सहायक भी हैं । इस दुनिया में भाई जैसा कोई सहायक नहीं इसीलिए बुजुर्गों ने कहा है भाई चाहे बैरी ही क्यों ना हो उससे कोई बात छुपानी नहीं चाहिए ।
अर्थशास्त्र का एक सिद्धान्त है कि संसाधनों के अभाव का सिद्धान्त । आपके संसाधन हमेशा आपकी ज़रूरत से कम होंगे । जैसे जैसे आपकी आमदनी बढ़ेगी वैसे वैसे आपकी ज़रूरतें भी बढ़ जाएगी । व्यक्ति चाहे जितना अमीर हो उसके संसाधन खुद के बच्चों की ज़रूरत के लिए कम पड़ जाते हैं । अपने बच्चों के अलावा वह चाहकर भी एक सीमा से अधिक किसी की मदद नहीं कर सकता ।अर्थशास्त्र का यह नियम सार्वभौमिक है इसका कोई अपवाद नहीं। मुकेश अम्बानी और अनिल अम्बानी परिवार इसका जीवंत उदाहरण है । भाई जब भाई की मदद करता है उसकी एक सीमा होती है लेकिन जब अपने बच्चों की मदद करता है तो कोई सीमा नहीं होती अपनी क्षमता से अधिक झोंक दिया जाता है । मैं आप या कोई और इसका अपवाद नहीं हर इंसान अपनी जिम्मदारियों से जकड़ा हुआ है ।
माँ बाप के सभी संसाधन आपके हैं इसलिए केवल माँ बाप ही आपका बैकग्राउंड हैं । माँ बाप अपने बच्चों के लिए अपनी क्षमता से अधिक मदद करने को तत्पर रहते हैं । इसीलिए माँ बाप को भगवान का दर्जा दिया गया है ।

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