एक बार मै अपने एक परिचित विधायक जी के साथ एक मित्र जिनका नाम बालकृष्ण था के घर किसी समारोह में शरीक हुआ । बातों – बातों में विधायक जी ने वहाँ उपस्थित लोगों को बताया की बलदा (बालकृष्ण जी) मेरे सहपाठी थे और बहुत बुद्धिमान थे मै बलदा की नक़ल करके फ़र्स्ट डिविज़न पास हुआ था । सुनने वाले सभी लोग बहुत प्रसन्न हुए । वापस आते वक्त एक साथी ने विधायक जी से पूछा बलदा खुद थर्ड डिविज़न से पास हुए हैं उनकी नक़ल करके आप फ़र्स्ट डिविज़न कैसे ले आए । विधायक जी ने मुस्कुराते हुए बताया – एसा बोलना पड़ता है भाई, वोट पाना सहज नहीं है । अगर आप अंधे को अंधा बोलोगे तो उसे बुरा लगेगा । गधे को माला पहना देने से वह घोड़ा नहीं बनेगा लेकिन गधे क़ो गधा कहने से वह आपका दुश्मन बन जाएगा ।
लोगों की प्रसंशा कीजिए इससे आपका सामाजिक दायरा बढ़ेगा जो बहुत लाभकारी होता है । सभी मिलकर बोलिए – बलदा की जय 🙏