आज बड़े दिनों बाद मुनीम खान से मुलाक़ात हुई । मुनीम बहुत ही दिलचस्प शख़्सियत है । हयात ने अपना दुखड़ा रोते हुए कहा रमेश बाबू ने मुझे बेवक़ूफ़ बनाया मुझे उनसे एसी उम्मीद नहीं थी । मुनीम ने हयात को समझाते हुए कहा मियाँ छोटी छोटी बातों को दिल से मत लगाया करो । इंसान का जीवन रोने धोने के लिए नहीं है । हर चोट एक नया और नायाब सबक़ देती है । जितनी गलती बेवक़ूफ़ बनाने वाले की होती है उससे सौ गुना ज़्यादा गलती बेवक़ूफ़ बनने वाले की होती है । अपने प्रति सख़्त बनो अपनी गलती को दूसरे पर मत डालो । हयात मुनीम खान पर बिफर पड़ा । नौबत हाथापाई की आ गई । बड़ी मुश्किल से मामला शांत हुआ ।