खुराफ़ाती लाल बचपन से ही बहुत ख़ुराफ़ाती हैं । स्कूल के दिनों में इंटर्वल के टाइम साथ के बच्चों के साथ नदी में नहाने जाते थे । खुद जल्दी नहाकर आ जाते थे और बच्चों की शिकायत करके उन्हें टीचर से पिटवाते थे । कल बड़े दिनों के बाद उनसे मुलाक़ात हुई । रहमत भाई ने कहा आजकल शोशल मीडिया में बहुत ऐक्टिव रहते हो । खुराफ़ाती लाल ने ठहाका लगाया – भाई अपना कॉन्सेप्ट क्लीयर है – शोशल मीडिया हाथी के दाँत हैं खाने के और दिखाने के और । इसलिए शोशल मीडिया में जितनी ग़ैर ज़रूरी चीजें हैं वो डालनी चाहिए और अपनी असली योजनाओं की भनक भी शोशल मीडिया से दूर रखनी चाहिए । खुराफ़ाती लाल की शोशल मीडिया की सारी ऐक्टिविटी एक वर्चूअल नज़रबट्टू है जो उन्हें ऐक्चूअल कामों में फ़ोकस करने में मदद करती है । हमने खुराफ़ाती लाल और उनके दिमाग़ को सलाम किया और घर की राह पकड़ी
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