मेकर चैकर

किसी भी संस्थान में काम करने के लिए नीतियाँ बनाई जाती है । नीतियों के अनुपालन के लिए अलग अलग एस ओ पी बनाई जाती हैं । अलग अलग संस्थानों की काम करने की नीतियाँ अलग अलग होती है लेकिन हर संस्थान में एक प्रॉसेस कॉमन होता है मेकर चैकर । जो भी व्यक्ति काम करेगा उसका सीनियर उसके काम को चैक करेगा । कोई भी कर्मचारी खुद के काम को चैक नहीं करेगा कोई दूसरा कर्मचारी चैक करेगा क्योंकि खुद के काम में कमियाँ दिखाई नहीं देती हैं ।

प्रकृति ने भी हर प्राणी को मेकर चैकर सिस्टम उपहार में दिया है । कान मेकर हैं और आँखे चैकर । सभी प्राणियों को कान और आँखे दी गई हैं । साँप के कान नहीं होते वो आँखों से सुनता है इसीलिए साँप को चक्षुश्रवा कहा जाता है । प्रकृति कहती है जो भी कानों ने सुना उसे आँखों से चैक किए बिना सच नहीं मानना चाहिए । कानों ने अपना काम कर दिया अब आँखों को अपना काम करने दीजिए ।

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