जमाने ने पिलाया जमकर ज़हर
गला नीला ना हुआ ये और बात है
शराब भी खूब पी हमने मगर
गला गीला ना हुआ ये और बात है
चालाकियों के शिकार हुए बहुत बार
किसी से गिला नहीं ये और बात है
क्षमाशील हैं हम जब तक मौक़ा नहीं
मौक़ा पाने पे छोड़ेंगे नहीं ये और बात है
यारों के यार हैं उन पर जान निसार हैं
दुश्मनों की जान ले लेंगे ये और बात है