22 जून 2024 की जीएसटी काउंसिल की 53वीं मीटिंग में कई महत्वपूर्ण सिफारिशें की गई । अभी तक जीएसटी इलेक्ट्रॉनिक कैश लेजर में बेलेंस होने के बावजूद अगर जीएसटी रिवर्सल करना पड़े तो ब्याज में कोई छूट नहीं मिलती थी । काउंसिल ने अब ईसीएल में बेलेंस होने पर ब्याज में छूट देने की सिफ़ारिश की है ।
सीजीएसटी की धारा 73 के तहत अगर नोटिस आता है तो ब्याज और पेनल्टी से छूट दी जाएगी ।
माननीय उच्चतम न्यायालय ने 19 मई 2022 को एतिहासिक फ़ैसला देते हुए नोर्दन ऑपरेटिंग सिस्टम में कार्यरत विदेशी कर्मचारियों को ओवरसीज ग्रुप का कर्मचारी मानते हुए इसे मेनपावर सप्लाई सर्विस करार दिया और इस पर कम्पनी को सर्विस टैक्स देने को कहा ।
इस फ़ैसले ने पूरे भारत में इंडाईरेक्ट टैक्स जगत को हिला कर रख दिया । आशंका थी कि जीएसटी विभाग माननीय उच्चतम न्यायालय के फ़ैसले को आधार बनाकर उन सभी कम्पनियों को जीएसटी का भुगतान करने को कहेगा जिनमें विदेशी कर्मचारी कार्यरत हैं । ये आशंका सच साबित हुए और जीएसटी विभाग ने ताबड़तोड़ नोटिस जारी करने का सिलसिला शुरू कर दिया ।
जीएसटी ऐक्ट में इस सम्बंध में कोई स्पष्ट नियम ना होने के कारण कम्पनियों के लिए बड़ी असमंजस की स्थिति पैदा हो गई।
जिन कम्पनियों ने जीएसटी का भुगतान कर दिया उन्हें ब्याज और पेनल्टी जमा करने के नोटिस आने लगे।
जिन कम्पनियों ने जीएसटी का भुगतान करके आईटीसी क्लेम किया जीएसटी विभाग ने उन्हें भी आईटीसी रिवर्सल के नोटिस दे दिए ।
ये मामले अरबों रूपये का जीएसटी भुगतान के हैं और नियम स्पष्ट नहीं है जिससे असहज स्थिति उत्पन्न हो गई ।
विदेशी कम्पनियों ने विभिन्न कामर्स चेम्बर्स और एम्बेसी के माध्यम से वित्त मंत्रालय से सम्पर्क किया । वित्त मंत्रालय ने स्पष्टीकरण जारी किए लेकिन ये नाकाफ़ी थे । माननीय उच्चतम न्यायालय द्वारा लिया गया निर्णय लॉ ओफ़ द लैंड होता है इसलिए वित्त मंत्रालय भी लाचार था ।
बीएमडब्ल्यू और मर्सिडीज जैसी कम्पनियों ने कोर्ट का रख किया और फ़िलहाल माननीय उच्च न्यायालय से स्टे ऑर्डर मिला हुआ है ।
53वीं जीएसटी काउन्सिल मीटिंग में इस मामले में बहुप्रतीक्षित राहत दी है ।
जीएसटी विभाग ने circular no 210/5/2024-GST dated June 26, 2024 और Circular no 211/5/2024-GST dated June 26, 2024 जारी करके इस मामले को पूरी तरह स्पष्ट करके कम्पनियों और जीएसटी विभाग के अधिकारियों के सारे संदेह दूर कर दिए हैं ।