रमेश दा एक जाने माने समाज सेवी हैं समाज में अच्छा रसूख रखते हैं । रमेश दा के मित्र किशन दा ने रमेश दा को सभासद का चुनाव लड़ने का मशविरा दिया । रमेश दा उखड़ गए – जब हारना ही है तो सभासद का चुनाव क्यों लड़े सीधे विधायक का ना लड़ लिया जाए । चतुर सुजान किशन दा ने रमेश दा को सभासद का चुनाव लड़ने के लिए मना ही लिया । प्रचार के दौरान डीग़र दा ने सवाल दागा- चुनाव जीत भी गए तो क्या कर लोगे । रमेश दा बिना लाग लपेट के बोले – दस बीस लाख अंदर कर लेंगे । डीग़र दा बोले – छोटे आदमी के साथ यही समस्या है जब भी सोचता है छोटा ही सोचता है । रमेश दा तैश में आकर बोले – दस बीस करोड़ अंदर करेंगे पहले चुनाव तो जीत जाएँ । डीग़र दा बोले – छोटे आदमी के साथ ये भी बड़ी समस्या है जब ज़्यादा बड़ा सोचता है तो औक़ात भूल जाता है । रमेश दा आग बबूला हो गए और बोले चुनाव बाद में देखा जाएगा पहले डीग़र सिंह की अक़्ल ठिकाने लगाना ज़रूरी है । पुराने घाघ किशन दा ने अपने अनुभव का इस्तेमाल करते हुए मामला शांत करवाया । जहाँ जहाँ रमेश दा प्रचार के लिए गए लोगों ने उनका भव्य स्वागत किया जो बहुत स्वाभाविक है क्योंकि जनता नेता से ज़्यादा स्वार्थी और बनावटी होती है और अपने स्वार्थों के आधार पर वोट देकर पीठ पीछे नेता को गाली देती है । रमेश बाबू ने भी उम्र का पानी पिया है उन्हें भी अपनी करारी शिकस्त का भान था लेकिन जनता स्वागत कर रही है तो क्यों ना इसका आनंद लिया जाए । चुनाव के नतीजे रमेश दा की आशा के अनुरूप निकले और रमेश दा की जमानत ज़ब्त हो गई ।
Seizure of documents (GST)
In case of Harp Resorts Pvt Ltd, Honourable Bombay High Court make a judgement that in case raids are conducted against a taxpayer and all the documents are seized, in absence of said documents, the taxpayer cannot be expected to file reply against the Show Cause Notice issued by the department. Therefore, department was directed to provide the copy of documents to the taxpayer.
ये और बात है
जमाने ने पिलाया जमकर ज़हर
गला नीला ना हुआ ये और बात है
शराब भी खूब पी हमने मगर
गला गीला ना हुआ ये और बात है
चालाकियों के शिकार हुए बहुत बार
किसी से गिला नहीं ये और बात है
क्षमाशील हैं हम जब तक मौक़ा नहीं
मौक़ा पाने पे छोड़ेंगे नहीं ये और बात है
यारों के यार हैं उन पर जान निसार हैं
दुश्मनों की जान ले लेंगे ये और बात है
अलख निरंजन
अलख निरंजन खोल दे बंधन तोड़ दे ताला
मुँह पर मीठा बोल चाहे तू मन का हो काला
मन कोई देखता नहीं ज़माना है दिखावे वाला
उल्टे कर काम सीधे कामों की जप तू माला
तीर तुझसे चलता नहीं सपने में चलाता भाला
करामातों से तूने सभी को खुश कर डाला
जो ना आया क़ाबू उसे चकमे से मार डाला
कमरे की व्यवस्था
हमारे गुरुजी कहा करते थे कि अगर किसी इंसान की प्लानिंग क्षमता देखनी है तो उसके कमरे को देखिए । अगर उसका कमरा बहुत अच्छे से व्यवस्थित रहता है तो समझ लेना एसा व्यक्ति बहुत ही सुलझा हुआ इंसान है और हर काम योजनाबद्ध तरीक़े से ही करेगा । जो इंसान अपना रहने वाला कमरा व्यवस्थित नहीं कर सकता वो वह अपना जीवन व्यवस्थित तरीक़े से नहीं जी सकता । ये कसौटी थोड़ी अटपटी लगती है लेकिन है बिल्कुल सटीक ।
चुनाव आ गया
गरीब की थाली में भी पुलाव आ गया
लगता है शहर में फिर चुनाव आ गया
नेता नदारद थे फिर से दरबार आ गया
चेले चपाटों का मानो सैलाब आ गया
नेताओ को टिकट का तनाव आ गया
जनता से दिखावे का लगाव आ गया
हर नेता कमर कस कर आ गया
मदद को पार्टी का लश्कर आ गया
जनता का गला काटने नश्तर आ गया
टिकट की दौड़ में भी तस्कर आ गया
रैतखान-कोदल
हिमालय की गोद में बसे रैतख़ान-कोदल उत्तराखंड के नैनीताल ज़िले के रामगढ़ क्षेत्र में स्थित बहुत ही रमणीय स्थल है । यहाँ से मीलों फैले पर्वतराज हिमालय के दर्शन होते है। यहाँ पर्यटकों के आने जाने के लिए यातायात की सुविधा नहीं है और यही कारण है कि इस क्षेत्र की प्राकृतिक़ सुंदरता अक्षुण्य बनी हुई है । मै दावे से कह सकता हूँ जो भी पर्यटक प्रकृति के नैसर्गिक सौंदर्य को देखना चाहते हैं एक बार इस स्थान पर जाएँ उन्हें छः महीने मेडिटेशन करने की ज़रूरत नहीं पड़ेगी । यहाँ जाने के लिए आपको मोटरमार्ग से गागर जाना पड़ेगा । गागर कठगोदाम रेलवे स्टेशन से 40 किलोमीटर की दूरी पर है । गागर से पैदल मार्ग से आधा किलोमीटर की दूरी पर सिद्ध मंदिर स्थित है । यहाँ पर आलोकिक शांति का अनुभव होता है । यहाँ से 3 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है रैतख़ान । रैतख़ान से 2 किलोमीटर नीचे कोदल बसा है । रैतख़ान-कोदल के सेब के बाग पूरे क्षेत्र में प्रसिद्ध हैं । अगर आप प्रकृति प्रेमी हैं तो एक बार रैतख़ान – कोदल का भ्रमण अवश्य करें आपको प्रकृति अपार सुकून से सराबोर कर देगी । रामगढ़ हमेशा से प्रकृति प्रेमियों का आकर्षण रहा है । यहाँ गुरुदेव रविंद्रनाथ टैगोर का बंगला था । उन्होंने गीतांजलि की आंशिक रचना रामगढ़ से ही लिखी थी जिसके लिए उन्हें नोबेल पुरस्कार मिला था । यहाँ महादेवी वर्मा का बंगला भी स्थित है । आप जब भी नैनीताल यात्रा पर आएँ एक बार रामगढ़ मुक्तेश्वर अवश्य आएँ और पक्षियों के कलरव भरे प्राकृतिक सौंदर्य से आच्छादित रैतख़ान-कोदल भ्रमण करें आप अपना सारा तनाव भूलकर तरोताज़ा हो जाएँगे
मेकर चैकर
किसी भी संस्थान में काम करने के लिए नीतियाँ बनाई जाती है । नीतियों के अनुपालन के लिए अलग अलग एस ओ पी बनाई जाती हैं । अलग अलग संस्थानों की काम करने की नीतियाँ अलग अलग होती है लेकिन हर संस्थान में एक प्रॉसेस कॉमन होता है मेकर चैकर । जो भी व्यक्ति काम करेगा उसका सीनियर उसके काम को चैक करेगा । कोई भी कर्मचारी खुद के काम को चैक नहीं करेगा कोई दूसरा कर्मचारी चैक करेगा क्योंकि खुद के काम में कमियाँ दिखाई नहीं देती हैं ।
प्रकृति ने भी हर प्राणी को मेकर चैकर सिस्टम उपहार में दिया है । कान मेकर हैं और आँखे चैकर । सभी प्राणियों को कान और आँखे दी गई हैं । साँप के कान नहीं होते वो आँखों से सुनता है इसीलिए साँप को चक्षुश्रवा कहा जाता है । प्रकृति कहती है जो भी कानों ने सुना उसे आँखों से चैक किए बिना सच नहीं मानना चाहिए । कानों ने अपना काम कर दिया अब आँखों को अपना काम करने दीजिए ।
Penalty for wrong e-way bill
The Allahabad High Court in the case of M/S. Hindustan Herbal Cosmetics vs. State Of U.P. And 2 Others vide Order No. Writ Tax No. – 1400 of 2019 dated 02.01.2024, has held that Penalty is not imposable where wrong vehicle number was mentioned in the e-way bill as it was merely a typographical error.
वर्चूअल नज़रबट्टू
खुराफ़ाती लाल बचपन से ही बहुत ख़ुराफ़ाती हैं । स्कूल के दिनों में इंटर्वल के टाइम साथ के बच्चों के साथ नदी में नहाने जाते थे । खुद जल्दी नहाकर आ जाते थे और बच्चों की शिकायत करके उन्हें टीचर से पिटवाते थे । कल बड़े दिनों के बाद उनसे मुलाक़ात हुई । रहमत भाई ने कहा आजकल शोशल मीडिया में बहुत ऐक्टिव रहते हो । खुराफ़ाती लाल ने ठहाका लगाया – भाई अपना कॉन्सेप्ट क्लीयर है – शोशल मीडिया हाथी के दाँत हैं खाने के और दिखाने के और । इसलिए शोशल मीडिया में जितनी ग़ैर ज़रूरी चीजें हैं वो डालनी चाहिए और अपनी असली योजनाओं की भनक भी शोशल मीडिया से दूर रखनी चाहिए । खुराफ़ाती लाल की शोशल मीडिया की सारी ऐक्टिविटी एक वर्चूअल नज़रबट्टू है जो उन्हें ऐक्चूअल कामों में फ़ोकस करने में मदद करती है । हमने खुराफ़ाती लाल और उनके दिमाग़ को सलाम किया और घर की राह पकड़ी
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